Paschimottanasana Yoga: शारीरिक हो या मानसिक, हर समस्या का समाधान योगासन के पास है. ऐसे में बात बढ़ती उम्र की समस्या से संबंधित हो तो पश्चिमोत्तासन विशेष रूप से फायदेमंद है. पश्चिमोत्तासन एक ऐसा योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद है. यह न केवल लचीलापन बढ़ाता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में भी मदद करता है. पश्चिमोत्तासन को ‘सीटेड फॉरवर्ड बेंड’ भी कहते हैं, एक ऐसा योगासन है जिसमें शरीर को आगे की ओर झुकाकर रीढ़, हैमस्ट्रिंग और काल्व्स की मांसपेशियों को खींचा जाता है. यह आसन शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ तनाव दूर कर मानसिक शांति भी देता है.
दूर होती हैं ये समस्याएं
पश्चिमोत्तासन के अभ्यास के कई फायदे मिलते हैं. इसके अभ्यास से शरीर में लचीलापन आता है. साथ ही हैमस्ट्रिंग, काल्व्स और रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है, जिससे पीठ दर्द में भी राहत मिलती है. पेट की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ने से कब्ज, मोटापा और अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं. यह आसन साइटिका की संभावना को कम करता है. तनाव और चिंता को कम कर यह मन को शांत रखता है. खास बात है कि यह आसन बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है.
क्या है करने की विधि
एक्सपर्ट पश्चिमोत्तासन करने की सही विधि भी बताते हैं. आसन के लिए सबसे पहले योग मैट पर बैठें और दोनों पैर सामने की ओर सीधे फैलाएं. पंजों को ऊपर की ओर रखें और रीढ़ को सीधा करें. गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं. सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर से आगे झुकें और पंजों को पकड़ने की कोशिश करें. इसके बाद 30-50 सेकंड तक इस स्थिति में रुकें, गहरी सांस लें. पश्चिमोत्तासन करने से कई लाभ मिलते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं. पेट में अल्सर, हर्निया या गंभीर पीठ दर्द से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं और अन्य लोगों को इसे करने से पहले योग विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इसे सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा है.