तनाव, चिंता और डिप्रेशन से हैं परेशान तो रोजाना करें ये योगासन, मन रहेगा शांत

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Yoga Tips: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपनी सेहत के लिए पर्याप्‍त समय नहीं है. निजी जीवन में उथल-पुथल और अन्‍य कई कारणों से लोगों को तनाव और चिंता का सामना करना पड़ता है. घर हो या ऑफिस हर इंसान इतनी जल्दी आपा खो बैठता है कि समझना मुश्किल हो जाता है. गुस्सा, स्‍ट्रेस, एंग्जाइटी और फ्रेस्टेशन लोगों के दिमाग पर हावी हो जाता है. बढ़ते स्‍ट्रेस की वजह से मन अशांत रहता है. किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता है.

ऐसे में अगर आपको हेल्दी रहना है और तनाव को कम करना है तो कुछ समय अपने लिए भी निकाले. आज के इस लेख में हम आपको कुछ योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको करने से आपका मन शांत रहेगा. आप हमेशा हेल्‍दी और फिट रहेंगे.

अनुलोम-विलोम

योग में सबसे आसान योग है अनुलोम विलोम करना. जो लोग प्रतिदिन अनुलोम-विलोम करते हैं उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत कम रहता है. अनुलोम विलोम योग करने से सांस प्रणाली बेहतर होती है. इससे दिमाग शांत रहता है. इसलिए हर रोज कम से कम तीन सेट अनुलोम-विलोम जरूर करें.

भ्रामरी प्राणायाम

मन को शांत रखने में भ्रामरी प्राणायाम बेहद मददगार है. इसको करने से दिमाग शांत रहता है और फोकस भी बढ़ता है. भ्रामरी योग से बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है. इससे दिमाग की कार्यक्षमता भी बढ़ती है. इस योग मुद्रा को हर रोज कम से कम 5 बार जरूर करें.

शवासन

यदि आपका मन बहुत विचलित रहता है और नींद नहीं आती, तो आपको शवासन जरूर करना चाहिए. शवासन करने से एकाग्रता बढ़ती है. शरीर में ऑक्सीजन का लेवल अच्‍छा होता है. ब्लड प्रेशर को सामान्‍य करने और सिरदर्द की समस्या से निजात दिलाने में यह आसन मददगार है. इससे डिप्रेशन और स्‍ट्रेस कम होता है.

डायाफ्रामिक ब्रीथिंग

डायाफ्रामिक ब्रीथिंग को करने से सांस क्रिया का अभ्यास होता है. इससे ब्लड में ऑक्सीजन बढ़ता है और इम्यूनिटी बूस्‍ट होती है. इस योगासन को करने से तनाव हार्मोन को कम करने में भी मदद मिलती है.

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन को ब्रिज पोज के नाम से भी जाना जाता है. यह तनाव को दूर करने में बेहद कारगर है. इस योगासन को करने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन अच्‍छा होता है. इससे डिप्रेशन और एंग्जाइटी की समस्‍या कम होती है. यदि गर्दन में दर्द की समस्‍या है तो आराम मिलता है. सेतुबंधासन पाचन में सुधार करने और पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है.

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