भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया उचित, कहा- ‘जहां युद्ध हुआ है, वहां विनाश के अलावा कुछ नहीं मिलता…’

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को उचित बताते हुए कहा कि भारत तरक्की के रास्ते पर है, भारत को विश्व गुरु बनाना है, ऐसे में शांति जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का फैसला विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुंबकम् पर आधारित है.

भारत की सेना ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब 

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भारत की सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है, उसकी प्रशंसा करनी चाहिए. देश अगर तरक्की कर रहा है तो वहां शांति होनी जरूरी है. जहां युद्ध हुआ है, वहां विनाश के अलावा कुछ नहीं मिलता और देश कई सदी पीछे हो जाता है. उन्होंने कहा कि जहां शांति नहीं है, वहां विकास नहीं होता है. भारत विकास की ओर अग्रसर है. ऐसे में प्रधानमंत्री का संघर्ष विराम का फैसला सराहनीय है. नरेंद्र मोदी भारत के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो शौर्य-पराक्रम के लिए भी जाने जाएंगे.

पड़ोसी देश भरोसे के लायक नहीं 

उन्होंने पाकिस्तान के दोहरे चरित्र से सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि पड़ोसी देश भरोसे के लायक नहीं है. कई बार भारत से पराजित होने के बाद भी वह आतंकवादी गतिविधियों से बाज नहीं आता है. अगर हमें भारत को विश्व गुरु बनाना है तो भारत में शांति होनी चाहिए. पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर उन्होंने कहा कि पहलगाम में हमला जिन आतंकवादियों ने किया है, उन्हें ढूंढकर निकालना अभी शेष है. सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया है और किया जाना चाहिए. आतंकियों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान पर भारत की सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे घुटनों पर ला दिया है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय सेना बधाई के पात्र हैं.
उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ी शक्ति बनने जा रहा है। पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान नहीं चाहते कि भारत को यह उपलब्धि मिले.
Latest News

राष्ट्रपति मुर्मू ने संथाली भाषा के शताब्दी समारोह में गाया गीत, बोलीं- भाषा-संस्कृति और परंपरा का संरक्षण जरूरी

President Droupadi Murmu: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के करनडीह स्थित आदिवासी पूजास्थल...

More Articles Like This

Exit mobile version