Akash Prime : हाल ही में भारतीय सेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित किए गए आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया था. बता दें कि आकाश प्राइम अपने पिछले डिफेंस सिस्टम का लेटेस्ट अपडेटेड वर्जन है. ऑपरेशन सिंदूर के समय आकाश डिफेंस सिस्टम ने अपने प्रदर्शन से पूरी दुनिया को चौंका दिया था और इसी वजह से आज दुनिया इसकी दिवानी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मिसाइल को लेकर अर्मेनिया भारत के साथ पहले ही डील कर चुका था, इसके साथ ही तुर्किए के डिफेंस एक्सपर्ट्स ने भी इसका लोहा मान लिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार आकाश प्राइम दुनिया में मौजूद कई समान मिसाइल सिस्टम के मुकाबले बेहद कम लागत में विकसित किया गया है.
ऐसे में DRDO की ओर से विकसित किए इस एडवांस मिसाइल सिस्टम का भारतीय सेना ने लद्दाख में सफल परीक्षण किया था. जानकारी देते हुए बता दें कि परीक्षण में मिसाइल सिस्टम ने 15,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर अपनी हवाई निशानों को सफलतापूर्वक मार गिराया था. इस दौरान इसका सफल परीक्षण न सिर्फ भारत की सैन्य तैयारियों को दर्शाता है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ भारत के व्यावसायिक नजरिए से ही महत्वपूर्ण है.
पाकिस्तान-चीन की गतिविधियों को नाकाम करने में सक्षम
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आकाश प्राइम को भारतीय सेना में आकाश एयर डिफेंस सिस्टम्स के तीसरे और चौथे रेजिमेंट में शामिल किया जाएगा. इससे देश का रक्षा कवच पहले से और भी मजबूत होगा. इतना ही नही बल्कि यह मिसाइल सिस्टम पाकिस्तान और चीन की ओर से की गई गतिविधि को नाकाम करने में भारत की ताकत को प्रदर्शित करेगा.
बेहद कम लागत पर आकाश प्राइम का विकास
ऐसे में इस डिफेंस सिस्टम की बात करें तो अभी तक इसकी प्रति यूनिट कीमत की कोई घोषणा नहीं की गई है. हालांकि, स्वदेशी तौर पर किए गए विकास ने वैश्विक बाजार में उपलब्ध अन्य एकसमान प्रणालियों के मुकाबले ज्यादा लागत प्रभावी बना दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी आकाश मिसाइल प्रणाली को विकसित करने में करीब 1,000 करोड़ रुपये (17 करोड़ डॉलर) की लागत खर्च हुई है. इसके साथ ही ये भी बता दें कि भारत की इस मिसाइल ने चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है.
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