Varanasi: आखिर जिसका डर था वही हुआ… जिन अवैध गाइडों को लेकर तीर्थ पुरोहितों से लेकर आम जनमानस तक ने एक स्वर में यह आवाज़ मुखर की थी कि इलाके में ऐसे अवैध गाइडों की भरमार हो गई है जिनकी न तो बॉडी लैंग्वेज सही है और न ही उनकी कारस्तानी। ऐसे अवैध और अवांछनीय तत्वों पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। लेकिन पुलिस-प्रशासन ने एक न सुनी। नतीजा, आज की इस बड़ी वारदात के रूप में सामने आया। हुआ यूं कि बाबा काशी विश्वनाथ और माता विशालाक्षी मन्दिर में अधिकार न होते हुए भी दर्शन कराने के नाम पर उक्त अवैध गाइड ने तमिलनाडु से आए करीब 40 लोगों के ग्रुप से डील तय की।
विशालाक्षी मन्दिर में दर्शन करने के बाद ग्रुप बाबा के दर्शन करने के लिए लाहौरी टोला के रास्ते कॉरिडोर में पहुंचा। वहाँ उस अवैध गाइड ने पहले तो चिकनी-चुपड़ी बातें करके यात्रियों को अपने विश्वास में लिया, फिर चप्पल वहीं खुलवाकर मोबाइल और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं को बजाय लॉकर में रखवाने के अपने गमछे में यह कहकर रखवा लिया कि वह यहीं रहकर उनका इंतज़ार कर रहा है, तब तलक वे दर्शन करके आएं। अवैध गाइड के भोलेपन और चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसकर यात्रियों ने उस पर विश्वास करके अपनी डिजिटल घड़ी, 17 एंड्रॉइड मोबाइल और अन्य सामान उसके हवाले करके मन्दिर की ओर चले गए।इधर, उनके जाने के दस मिनट बाद अवैध गाइड उनके मोबाइल लेकर फरार हो गया।
