Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुईं. सैन्य अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप भी दिखाई.
नौ आतंकवादी शिविरों को किया गया नष्ट
प्रेस ब्रीफिंग में ले.कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया. पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ है.”
ले. कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, “मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है. यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था. 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था.”
#WATCH | Delhi | #OperationSindoor| Col. Sofiya Qureshi, while addressing the media, presents videos showing destroyed terror camps, including from the Muridke where those involved in the 2008 Mumbai Terror attacks – Ajmal Kasab and David Headley received their training…” pic.twitter.com/tNpsDf92Wu
— ANI (@ANI) May 7, 2025
वायुसेना की विंग कमांडर ने भी दी जानकारी
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया, “रात 1 बजकर पांच मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच हमला किया गया. पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया. नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचाने के लिए स्थानों का चयन किया गया था.”
हमले का मुख्य उद्देश्य दंगा भड़काना
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त ब्रीफिंग में बताया, “22 अप्रैल 2025 को लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी. आतंकियों ने पर्यटकों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मार दी. इस दौरान परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश देने को कहा गया. चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से बढ़ रहा था, इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना और दंगा भड़काना था.”
पहलगाम में हमला अत्यंत बर्बरतापूर्ण था
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “पहलगाम में हमला अत्यंत बर्बरतापूर्ण था, जिसमें पीड़ितों को बहुत नजदीक से सिर में गोली मारकर और उनके परिवार के सामने मारा गया. परिवार के सदस्यों को जानबूझकर इस तरह से मारा गया कि उन्हें संदेश वापस ले लेना चाहिए. यह हमला स्पष्ट रूप से कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था.”
उन्होंने आगे कहा, “रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है. यह समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है. इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की पुष्टि हुई है. पहलगाम पर हुआ हमला कायराना था और पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के आतंकवादियों से संबंध उजागर हुए हैं.” विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखने वाली हमारी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया है कि भारत पर और हमले हो सकते हैं और उन्हें रोकना और उनसे निपटना आवश्यक समझा गया.”
हमारी कार्रवाई नपी-तुली और गैर-बढ़ी हुई
उन्होंने कहा, “आज सुबह, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया. हमारी कार्रवाई नपी-तुली और गैर-बढ़ी हुई, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी. हमने आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया.” इस प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत में भारत पर हुए कई हमलों से जुड़ी एक क्लिप भी दिखाई गई थी, जिसमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई आतंकी हमला, उरी, पुलवामा और पहलगाम हमला शामिल है.