Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीकृष्ण जगदगुरु हैं। इसलिए उनके उपदेश की बातें सारे जगत् के लिए हैं। भगवान् श्रीकृष्ण बहुत ऊंचाई से गीता के माध्यम से जगत को दिशा देते हुए नजर आते...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, परिवार एक मंदिर हो, जिसमें एकता के देव बैठे हों और उस एकत्व की आराधना में परिवार के सभी सदस्य लगे हुए हों। यह तब ही संभव है जब...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, धर्म वह नहीं है जो आपको बेहोश करे, धर्म वह है जो आपको होश में ले आये, जो आपको जागृत करे और जो होश में आ जाते हैं, जो...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, उपवास का अर्थ केवल अपने शरीर को आहार नहीं देना यह नहीं होता। उपवास का अर्थ है- उप माने समीप, वास माने बसना। आप सभी सत्य के समीप निरन्तर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, अतिशय देखि धर्म कै ग्लानी। परम सभीत धरा अकुलानी।। धरती पर मनुष्यों को लगने लगे कि अब हमारा कोई रखवाला नहीं है। सर्वत्र अंधकार दिखाई दे रहा है। अब...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मंत्र जप से और विशिष्ट प्रकार की धारणा से अपनी शक्ति का जागरण किस प्रकार होता है और वह कितना विलक्षण होता है। इसका वर्णन धर्म शास्त्रों में सर्वत्र...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, रात्रि का पूर्ण अंधकार है, बेड़ियाँ, हथकड़ियां लगी हुई थीं। हाथ को हाथ दिखाई नहीं दे रहा था। महरानी श्रीदेवकीजी श्रीवसुदेवजी से कहती हैं, हमें भी कभी इन बेड़ियों,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, माया के तीन गुण हैं, इन्हीं तीन गुणों से सम्पूर्ण संसार की सृष्टि होती है। मनुष्य में तीनों गुण होते हैं। सुबह के समय सतोगुण की प्रधानता रहती है,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कृत्स्नं रामायणं काव्यं सीतायाः चरितं महत्। आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने आदिकाव्य श्रीवाल्मीकि रामायण की रचना भगवती सीता के मंगलमय चरित का वर्णन करने के लिए लिखा। श्रीवाल्मीकि रामायण...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीरामचरितमानस रूपी सरोवर का चौथा घाट प्रपत्ति का है। यहां श्रीगोस्वामी तुलसीदास जी जैसे संत वक्ता हैं। सामान्य लोग उनके श्रोता समुदाय में बैठे हैं। इन चारों घाटों पर...