Rajasthan

कथा सुनने से भगवान में बढ़ जाता है आकर्षण: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शिशुपाल रुक्मी का मित्र था, इसलिए रुक्मी का आकर्षण शिशुपाल की तरफ था।श्रीरुक्मणि देवी का आकर्षण भगवान की तरफ था, करण बचपन से उन्होंने देवर्षि नारद जी से भगवान की...

पापी से पापी व्यक्ति का भी भगवान करते हैं कल्याण: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पापी व्यक्ति से भगवान घृणा नहीं करते, पापी से पापी व्यक्ति भी भगवान की शरण में चला जाये, भगवान उसका कल्याण करते हैं. लेकिन, अभिमानी व्यक्ति प्रभु को अच्छा नहीं...

प्रकाश पुंज के समान है परमात्मा का स्वरूप: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य वसुदेव देवकी के सामने हुआ। ऐसा लगा कि एक साथ करोड़ों सूर्य का उदय हो गया। ऐसा दिव्य प्रकाश हो रहा था, श्रीमद्भागवत महापुराण में...

मिश्रित कर्म से मानव जीवन और मृत्यु लोक की होती है प्राप्ति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पुण्य से स्वर्ग मिलता है, बहुत पाप से नरक मिलता है, मिश्रित कर्म से मानव जीवन और मृत्यु लोक की प्राप्ति होती है। राजा बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य की...

पतिव्रता और सती माता के इतिहास से भरा है राजस्थान का इतिहास: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, विदुर चरित- भगवान श्री कृष्ण का शांति दूत बनकर हस्तिनापुर पधारना, दुर्योधन ने भगवान से कहा तेरह वर्षों में हमने बहुत शक्ति अर्जित किया है, पांडव हमारा सामना नहीं कर...

शाश्वत परमात्मा की तरफ चलने से व्यक्ति का जीवन हो जाता है सफल: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान सच्चिदानंद है। सूर्य, चंद्र, तारामंडल अनेकों बार बना और मिटा, लेकिन परमात्मा कभी नहीं मिटते, इसलिए परमात्मा को सत कहते हैं। संसार इस चेतन से चल रहा है जैसे-...

जीते जी बैकुंठ देती है भागवत की कथा: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण के माहात्म्य में चार मंत्रों में अमृत की चर्चा की गई है। जिस अमृत के लिए देवासुर संग्राम हुआ, बहुत वीरों का संहार हो गया, कितना भयानक युद्ध...

जो स्वयं को संकट में डालकर हमारे प्राण की रक्षा करे, उसी का नाम है माता: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत माता, रामायण माता, गीता माता, भारत माता, जो स्वयं को संकट में डालकर हमारे प्राण की रक्षा करे, उसी का नाम माता है. गंदगी लगी हो तो पिता नहीं...

सर्वत्र और सबमें भगवान का दर्शन करने वाला होता है महात्मा सुदुर्लभ: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मीराबाई से पूछा गया, आपको भगवान मिल गया। मीराबाई ने पूंछे के थाने भगवान मिलग्या। मीराबाई ने हंसते हुए जवाब दिया- अनबोल्या दिन बीतन लाग्या, काहे की कुशलात। भक्त शिरोमणि...

भक्त की मधुर भावना को देखकर भगवान भक्त का करते हैं कल्याण: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण में तीन श्लोक का वर्णन आता है। श्लोक, पुण्यश्लोक, उत्तमश्लोक। श्लोक तो हम आप सुनते ही हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण में अठारह हजार श्लोक हैं। पुण्यश्लोक संत जन है।- पुण्यश्लोको नलो...
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