सबसे पहले ओंकार की हुई थी उत्पत्ति: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पृथ्वी तत्व है ब्रह्मा, जल तत्व है विष्णु ,अग्नि तत्व है रुद्र, वायु तत्व है महेश्वर और आकाश तत्व है शिव, ये पांच तत्व हो गये। भगवान शंकर के पांच मुख हैं और ओंकार में पांच मात्राएं हैं। ओम में पांच मात्राएं हैं,अ,उ,म, आधा चांद और बिंदु। भगवान् शंकर के पांच मुख से ही पांच अक्षर निकले हुए हैं। पिण्डी के उत्तर मुख से अ निकला, पश्चिम मुख से उ निकला, दक्षिण मुख से म निकला, पूर्व मुख से चांद निकला और बीच के मुख्य बिंदु निकला।

यह ओम शब्द भगवान शंकर का वाचक है, ज्योति का वाचक है। जब सृष्टि नहीं बनी थी, तब सबसे पहले ओंकार की उत्पत्ति हुई थी।सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा,(उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

Latest News

केदारनाथ हादसे का लेकर कंपनी के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज, उड़ान से पूर्व सरकार ने दिए ये निर्देश

Kedarnath Helicopter Crash :  कल केदारनाथ से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों को लेकर आ रहा आर्यन हेली एविएशन...

More Articles Like This

Exit mobile version