बगराम एयरबेस सौंपने के प्रयासों पर ट्रंप को लगा बडा झटका, भारत ने भी किया विरोध, रूस, चीन और सात अन्य देशों का मिला साथ

New Delhi: अफगानिस्तान के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण बगराम एयरबेस को सौंपने के प्रयासों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बडा झटका लगा है. ट्रंप इसके लिए लगातार तालिबान शासन पर दबाव बना रहे हैं. भारत भी अब अफगानिस्तान में विदेशी सैन्य बुनियादी ढांचे की तैनाती के प्रयासों के विरोध में उतर गया है. रूस, चीन और सात अन्य देशों को अब भारत का भी साथ मिला है.

यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हितों की नहीं करता पूर्ति

मंगलवार 7 अक्टूबर को सामने आए मॉस्को फॉर्मेट वार्ता के नए वर्जन में इन देशों के समूह ने अफगानिस्तान में समृद्धि और विकास लाने के तौर-तरीकों पर व्यापक विचार-विमर्श किया. इन देशों ने अफगानिस्तान और पड़ोसी देशों में सैन्य बुनियादी ढांचे तैनात करने के कुछ देशों के प्रयासों को सिरे से खारिज कर दिया. इन देशों का कहना है कि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हितों की पूर्ति नहीं करता है. तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पहली बार मॉस्को फॉर्मेट वार्ता में भाग लिया.

आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करने का आह्वान

कुछ हफ्ते पहले ट्रंप ने कहा था कि तालिबान को बगराम एयरबेस अमेरिका को सौंप देना चाहिए, क्योंकि इसे वाशिंगटन ने स्थापित किया था. मॉस्को में हुई बातचीत में भाग लेने वाले देशों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों स्तरों पर आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया. बयान में कहा गया कि उन्होंने (देशों ने) जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने और इसे जल्द से जल्द जड़ से मिटाने के लिए ठोस कदम उठाने में मदद दी जानी चाहिए ताकि काबूल की धरती का इस्तेमाल पड़ोसी देशों और अन्य जगहों की सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में न हो.

आतंकवाद अफगानिस्तान क्षेत्र और व्यापक विश्व के लिए एक गंभीर खतरा

इसमें कहा गया कि इन देशों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद अफगानिस्तान क्षेत्र और व्यापक विश्व की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है. भारत, रूस और चीन के अलावा इस बैठक में ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने भी भाग लिया. इन देशों ने इस क्षेत्र और इससे आगे के देशों के साथ अफगानिस्तान के आर्थिक संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया. मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि राजदूत विनय कुमार के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने एक स्वतंत्र, शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान तथा वहां के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास और समृद्धि का समर्थन किया.

दूतावास ने भारत की स्थिति दोहराई

दूतावास ने सोशल मीडिया पर कहा कि कुमार ने भारत की स्थिति दोहराई कि एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान वहां के लोगों के हितों की पूर्ति करेगा और क्षेत्रीय लचीलेपन और वैश्विक सुरक्षा के लिए आवश्यक होगा.

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