Bagram Air Base: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनालड ट्रंप ने अपने ब्रिटेन यात्रा के समापन के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बगराम एयरपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रंप ने ने कहा है कि बगराम में अमेरिकी उपस्थिति अहम है क्योंकि यह चीन के करीब है. इसके साथ ही उन्होंने अपने इस कदम को चीन से मुकाबला करने की जरूरतों से जोड़ा.
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने बगराम एयर बेस का जिक्र किया. उन्होने कहा कि ‘‘हम उस बेस को इसलिए चाहते हैं क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं, यह उस जगह से एक घंटे की दूरी पर है जहां चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है.’’
क्या ट्रंप की बात मानेगा तालिबान?
डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि साल 2021 में सत्ता में वापसी के बाद से ही तालिबान लगातार आर्थिक संकट, अंतरराष्ट्रीय वैधता, आंतरिक कलह और प्रतिद्वंद्वी आतंकवादी समूहों से जूझ रहा है. ऐसे में तालिबान अमेरिकी सेना को वापस आने की अनुमति देने के लिए तैयार हो सकता है. हालांकि व्हाइट हाऊस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या अमेरिका और तालिबान सरकार के बीच कोई नई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष बातचीत हुई है या नहीं.
बता दें कि करीब 4 साल पहले अमेरिकी सैनिकों ने अचानक से अफगानिस्तान को छोड़ दिया था, जिसके बाद बगराम एयर बेस समेत पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था. अफगानिस्तान, अमेरिका के सबसे लंबे चलने वाले युद्ध केंद्र के रूप में जाना जाता है.
जानें बगराम एयर बेस के बारे में
बगराम एयर बेस अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित है. ये काबुल से 47 किलोमीटर उत्तर में है. बगराम एयरफील्ड में 11,800 फुट का रनवे है जो बमवर्षक और बड़े मालवाहक विमानों के परिचालन में सक्षम है. डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले ये दावा भी किया था कि बगराम एयर बेस को चीन ने अपने कब्जे में ले लिया है.
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