Bangladesh Violence: बांग्लादेश में 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की गुरुवार को कथित ईशनिंदा के आरोपों के बाद भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. दीपू एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करता था, ऐसे में यदि फैक्ट्री प्रबंधन समय रहते पुलिस को सूचना दे देता, तो दीपू की जान बच सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बजाए उन्होंने उनसे जबरन इस्तीफा लिखवाया, इसके बाद उन्हें कार्यस्थल से बाहर निकाला और उग्र इस्लामी भीड़ के हवाले कर दिया, जिसने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी, इतना ही नहीं शव को फांसी पर लटकाया और फिर आग के हवाले कर दिया.
वहीं, रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दीपू चंद्र दास पर लगाए गए ईशनिंदा के आरोपों की अब तक कोई ठोस पुष्टि नहीं हुई है. उनका कहना है कि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि दीपू ने ऐसा क्या कहा या किया जिससे यह विवाद खड़ा हुआ.
हत्या में फैक्ट्री अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका
वहीं इस मामले की जांच में पता चला है कि फैक्ट्री के फर्श प्रभारी और गुणवत्ता प्रभारी ने दीपू को पुलिस के हवाले करने के बजाय भीड़ को सौंप दिया. ऐसे में सीसीटीवी फुटेज और वीडियो की समीक्षा के बाद अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें फैक्ट्री अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं.
साजिशन हत्या के संकेत
अधिकारियों का कहना है कि यह हत्या किसी अचानक भड़की हिंसा का नतीजा नहीं थी, बल्कि इसमें स्पष्ट रूप से पूर्व-नियोजन के संकेत हैं. जबरन इस्तीफा, पुलिस को सूचना देने में देरी और अंततः दीपू को भीड़ के हवाले करना-ये सभी कदम एक सोची-समझी श्रृंखला की ओर इशारा करते हैं.
इसी बीच निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस हत्या को लेकर सवाल उठाए और आशंका जताई कि इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध हो सकती है. उन्होंने प्रश्न किया कि आखिर इस जघन्य हत्या के दोषियों को न्याय के कटघरे में कौन लाएगा.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
बता दें कि दीपू चंद्र दास की शादी तीन साल पहले हुई थी. उनके परिवार में उनकी पत्नी और डेढ़ साल का मासूम बच्चा है. इसी बीच RAB-14 के कमांडर नईमुल हसन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हिंसा की शुरुआत फैक्ट्री के अंदर करीब 4 बजे हुई. फैक्ट्री के फ्लोर इंचार्ज ने दीपू से जबरन इस्तीफा दिलवाया और उन्हें उग्र भीड़ के हवाले कर दिया. उन्होंने बताया कि हमने दो फैक्ट्री अधिकारियों को गिरफ्तार किया है क्योंकि उन्होंने दीपू की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की.
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