इस देश में सेक्स वर्कर के लिए ऐतिहासिक फैसला, मिलेगी मैटरनिटी लीव और पेंशन

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Belgium: बेल्जियम ने सेक्‍स वर्कर्स के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है. अब बेल्जियम में सेक्‍स वर्कर्स को भी मैटरनिटी लीव व पेंशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी. बता दें कि बेल्जियम दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने साल 2022 में सेक्‍स वर्कर्स को मान्‍यता दी, वहीं अब उनके अधिकारों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. इस कदम से बेल्जियम में कई महिलाओं की जिंदगी बदल गई है. बता दें कि सेक्‍स वर्क को अपराध की कैटेगरी से हटाने और मान्‍यता देने पर देश में महीनों तक प्रदर्शन हुआ था.

मिलेंगे इस तरह के अधिकार

देश में ऐतिहासिक कदम और नए कानून के जरिए अब सेक्स वर्कर्स को कई तरह के अधिकार दिए गए हैं. नए कानून के तहत सेक्‍स वर्कर्स वर्क कॉन्ट्रैक्ट, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, मैटरनिटी लीव और सिक लीव के अधिकारी होंगे. इसके साथ ही इसे बिल्कुल किसी और नौकरी की तरह ही माना जाएगा और सारे वैसे ही अधिकार दिए जाएंगे.

जानकारी दें कि न सिर्फ बेल्जियम बल्कि ग्रीस, जर्मनी, नीदरलैंड और तुर्की समेत कई देशों में सेक्स वर्कर को कानूनी मान्यता दी गई है, लेकिन इनको लीव और पेंशन देने का ऐतिहासिक कदम केवल बेल्जियम ने किया है.

कानून से पहले देश में कैसे थे हालात

बेल्जियम की एक सेक्स वर्कर सोफी ने बताया कि इस कानून से पहले वह 9 महीने की प्रेगनेंट होने के बाद भी पैसे कमाने के लिए सेक्स वर्क करने को मजबूर थी. सोफी पांच बच्चों की मां है. सोफी ने कहा कि जब उनका पांचवां बच्चा होने को था तो उनको डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए कहा था लेकिन ऐसा करना उनके लिए संभव नहीं था, क्योंकि अगर वो काम नहीं करती तो फिर कमाती कैसे.

सोफी ने बताया कि वह काम करना बंद नहीं कर सकती थी क्योंकि उन्‍हें पैसों की जरूरत थी. उन्होंने आगे कहा कि सेक्स वर्कर होने के बाद जब उन्हें अब मैटरनिटी लीव और पेंशन मिल रही है इससे उनकी जिंदगी काफी आसान हो गई है. कहा कि हमारे लिए बाकी लोगों की तरह जीने का यह एक अवसर है.

कैसे कानून में हुआ बदलाव?

बेल्जियम ने सेक्स वर्कर को मान्‍यता देने का फैसला साल 2022 में हुए बड़े आंदोलन के बाद लिया था. इसे लेकर महीनों तक देश में प्रदर्शन हुआ था. कोविड के समय देश में सेक्स वर्कर्स की सहायता करने में कमी की गई. इसी को लेकर आवाज उठाई गई थी, जिसके परिणाम स्‍वरुप सेक्स वर्क को मान्‍यता देने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था.

इस आंदोलन में सबसे आगे रहने वालों में से एक विक्टोरिया थी, जो बेल्जियन यूनियन ऑफ सेक्स वर्कर्स (UTSOPI) की अध्यक्ष थीं और पहले 12 साल तक एस्कॉर्ट थी. उनके लिए यह एक निजी लड़ाई थी. विक्‍टोरिया ने कहा कि यह कानून लोगों को हमें सुरक्षित बनाने के लिए एक साधन बन कर सामने आया है.

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