‘भारत और बांग्लादेश को…’, ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध को लेकर चीन का बड़ा बयान

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China Mega Dam: चीन ने भारत की सीमा से लगे तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बड़ा बांध बनाना शुरू कर दिया है. 167.8 अरब डॉलर की लागत से ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहा ये बांध दुनिया की सबसे बड़ी  इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है. हालांकि चीन के इस बांध को लेकर भारत और बांग्लादेश की चिंताए बढ़ी हुई है. दरअसल इन देशों को इस बात कर डर सता रहा है कि यदि चीन इस बांध को बना लेगा, तो वो नदी के पानी पर नियत्रंण कर लेगा, जिसे भारत की कृषि पर काफी प्रभाव पड़ेगा.

इसी बीच चीन ने भारत-बांग्लादेश जैसे निचले इलाकों वाले देशों पर इसके असर को लेकर उठ रही चिंताओं को खारिज किया है. दरअसल, चीनी प्रधानमंत्री ली क्यांग ने शनिवार को ब्रह्मपुत्र नदी के निचले हिस्से में तिब्बत के न्चिंगची शहर में डैम के निर्माण की शुरुआत की घोषणा की.

भारत के अस्तित्‍व के लिए खतरा

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बताया कि यह प्रॉजेक्ट निचले इलाकों पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर नहीं डालेगा. वहीं, इस प्रॉजेक्ट को लेकर भारत और बांग्‍लादेश से जरूरी बातचीत की गई है. जबकि हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस निर्माण को ‘वॉटर बम’ करार दिया था. उन्‍होंने ये भी कहा था कि यह भारत की अस्तित्व के लिए खतरा है.

5,80,000 वर्ग किलोमीटर में फैली है नदी

बता दें कि ब्रह्मपुत्र एक अंतर्देशीय नदी है जिसका बेसिन लगभग 5,80,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो चीन (50.5%), भारत (33.3%), बांग्लादेश (8.1%) और भूटान (7.8%) में फैला है. भारत में, इसका क्षेत्रफल 1,94,413 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का करीब 5.9% है. इसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के क्षेत्र शामिल हैं.

चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से निकलती है ब्रह्मपुत्र नदी

ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत की कैलाश पर्वतमाला में मानसरोवर झील के पूर्व में स्थित चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से निकलती है. बता दें कि तिब्बत में इस नदी को यारलुंग त्सांगपो नदी के रूप में जाना जाता है, जो लगभग 1,200 किलोमीटर पूर्व की ओर बहती है. ब्रह्मपुत्र की प्रमुख दाहिनी ओर की सहायक नदियां सुबनसिरी (पूर्ववर्ती), कामेंग, मानस और संकोश हैं. इसके बाद यह नदी असम में धुबरी के पास बांग्लादेश के मैदानों में प्रवाहित होती है, जहां से यह दक्षिण की ओर बहती है.

भारत में सहायक नदियों पर निर्भर है ब्रह्मपुत्र नदी  

बता दें कि भारत में ब्रह्मपुत्र नदी की सभी सहायक नदियां वर्षा पर निर्भर हैं और दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान भारी वर्षा प्राप्त करती हैं, जिसके वजह से बार-बार बाढ़ आती है, जलधाराएं बदलती हैं और तट कटाव भी होता है. इसके अलावा, भारत अपने क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे के प्रयासों के तहत अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र पर अपनी जलविद्युत परियोजना भी विकसित कर रहा है.

वहीं, भारत और चीन ने सीमा पार नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए 2006 में विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र (ईएलएम) की स्थापना की थी, जिसके तहत चीन बाढ़ के मौसम में भारत को ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी के बारे में जल विज्ञान संबंधी जानकारी प्रदान करता है.

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