आसमान में गरजे ये खतरनाक लड़ाकू विमान, इस देश के साथ चीन ने किया हवाई अभ्यास

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China-UAE : चीन लगातार खाड़ी क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी के साथ रणनीतिक प्रभाव को मजबूत कर रहा है. इसके साथ ही चीन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच आयोजित Falcon Shield-2025 संयुक्त हवाई अभ्यास को बेहद अहम माना जा रहा है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इस बड़े पैमाने के सैन्य अभ्यास को 9 से 22 दिसंबर के बीच यूएई में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया, बता दें कि इसमें पहली बार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने अपने कई फ्रंटलाइन लड़ाकू और सपोर्ट एयरक्राफ्ट खाड़ी देश में तैनात किए.

इस मामले को लेकर चीनी मीडिया का कहना है कि यह अभ्यास केवल रूटीन ट्रेनिंग नहीं था, बल्कि जटिल युद्ध परिस्थितियों में संयुक्त ऑपरेशनल क्षमताओं को परखने के साथ भविष्य की सैन्य रणनीतियों को मजबूत करने का प्रयास था. माना जा रहा है कि ऐसे समय में जब मध्य पूर्व की भू-राजनीति तेजी से बदल रही है, चीन का यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाना कई देशों के लिए रणनीतिक चिंता का विषय बनता जा रहा है.

अभ्यास में चीन के प्रमुख विमान शामिल

बता दें कि 25 दिसंबर को बीजिंग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शियाओगांग ने इस अभ्यास की जानकारी दी और कहा कि फाल्कन शील्ड-2025 के तहत चीन ने पहली बार यूएई में अपने अत्याधुनिक लड़ाकू और सपोर्ट प्लेटफॉर्म तैनात किए. जानकारी के मुताबिक, इस अभ्यास में चीन के प्रमुख विमान शामिल थे, जैसे- J-10 मल्टीरोल फाइटर जेट, KJ-500 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट और Y-20A एरियल रिफ्यूलिंग टैंकर.

चीनी और अमीराती वायु सेनाओं का जटिल युद्ध अभ्यास

ऐसे में इस अभ्‍यास की खासियत की बात करें तो चीनी और अमीराती वायु सेनाओं ने मिक्स्ड फॉर्मेशन में उड़ान भरते हुए संयुक्त कमांड स्ट्रक्चर के तहत काम किया. इसे लेकर झांग शियाओगांग का कहना है कि इस दौरान कई जटिल सैन्य परिदृश्यों में अभ्यास किए गए, प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, इनमें कमांड और कंट्रोल सिमुलेशन, एयर सुपीरियोरिटी मिशन, नाइट कॉम्बैट और नाइट विजन ऑपरेशंस, ड्रोन और अनमैन्ड सिस्टम आधारित युद्ध रणनीतियां समेत युद्ध क्षेत्र में खोज और बचाव ऑपरेशन शामिल थे.

भारत से जुड़ा रणनीतिक पहलू

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस संयुक्त अभ्यास में यूएई की ओर से Mirage-2000 फाइटर जेट का इस्तेमाल भी किया गया, जिसे दोनों देशों के बीच रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है. इसे लेकर रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि Mirage-2000 एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की सटीक नकल (सिमुलेशन) करने में सक्षम है. साथ ही कुद रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि Mirage-2000 की क्षमताएं ताइवान वायुसेना के कुछ लड़ाकू विमानों से मिलती-जुलती हैं.

दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की नींव

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार चीन के रक्षा मंत्रालय ने फाल्कन शील्ड अभ्यास को चीन-यूएई के बीच एक “ब्रांडेड डिफेंस कोऑपरेशन प्रोजेक्ट” करार दिया है. मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के संयुक्त अभ्यास न केवल सैन्य क्षमताओं को मजबूत करते हैं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की नींव भी रखते हैं. ऐसे में विशेषज्ञों ने कहा कि जब मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव, ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, ऐसे समय में चीन का यूएई और सऊदी अरब में सैन्य प्रभाव बढ़ाना उसकी वैश्विक रणनीति का अहम हिस्सा है.

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