Iran-US nuclear talks: तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर दशकों से चल रहे विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से ईरानी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडलों ने रोम में पांचवें दौर की वार्ता की. इस दौरान दोनों देशों के बीच बातचीत में कुछ सीमित प्रगति के संकेत मिले.
दरअसल, ईरान के यूरेनियम संवर्धन पर वार्ता से पहले वाशिंगटन और तेहरान दोनों ने सार्वजनिक रूप से कड़ा रुख अपनाया, इसी बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि वार्ता के दौरान ओमान द्वारा कई प्रस्ताव रखे जाने के बाद प्रगति की संभावना है.
‘अब एक उचित रास्ते पर हैं’
यूरेनियम संवर्धन पर ईरान और अमेरिका के वार्ता को लेकर मीडिया से बातचीत में अराकची ने कहा कि हमने अभी-अभी बातचीत के सबसे पेशेवर दौर में से एक पूरा किया है. हमने ईरान की स्थिति को मजबूती से बताया है. ऐसे में मेरा मानना है कि यह तथ्य ‘अब एक उचित रास्ते पर हैं, अपने आप में प्रगति का संकेत है. वहीं, प्रस्तावों और समाधानों की संबंधित राजधानियों में समीक्षा की जाएगी और अगले दौर की वार्ता तदनुसार निर्धारित की जाएगी.
दो घंटे से अधिक समय तक हुई बातचीत
इसी बीच एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि तेरहान और वाशिंगटन के बीच वार्ता दो घंटे से अधिक समय तक चली और ओमानी मध्यस्थों के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से हुई, जो रचनात्मक बनी हुई है. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इस वार्ता में हमने और प्रगति की है, लेकिन अभी भी काम किया जाना बाकी है. दोनों पक्षों ने निकट भविष्य में फिर से मिलने पर सहमति जताई. हम अपने ओमानी भागीदारों के उनके निरंतर सहयोग के लिए आभारी हैं. दोनों पक्षों के लिए दांव ऊंचे हैं.
क्या है डोनाल्ड ट्रंप का मकसद
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तेहरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को कम करना चाहते हैं, जिससे क्षेत्रीय परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू हो सकती है, जिससे इजरायल को भी खतरा होने की संभावना है. वहीं, इस्लामिक रिपब्लिक, अपनी ओर से अपनी तेल आधारित अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रतिबंधों से छुटकारा पाना चाहता है.
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