विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले भारतीय छात्रों के लिए सुनहरा मौका, रूस बिना एंट्रेंस एग्जाम देगा स्कॉलरशिप!

New Delhi: रूस अब भारतीय छात्रों को बिना किसी एंट्रेंस एग्जाम के ही सरकारी स्कॉलरशिप देगा. रूस की इस घोषणा से विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले भारतीय छात्रों को बडी राहत मिलेगी. यह स्कॉलरशिप सिर्फ एक-दो कोर्स तक सीमित नहीं है बल्कि बैचलर्स से लेकर एडवांस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम तक फैली हुई है. रूसी फेडरेशन ने 2026-27 एकेडमिक ईयर के लिए अपने सरकारी स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत भारतीय छात्रों को आवेदन करने का न्योता दिया है.

रूस की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ में हायर एजुकेशन का अवसर

इसका मकसद भारत के टैलेंटेड छात्रों को रूस की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ में हायर एजुकेशन का अवसर देना है. रूस लंबे समय से मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन के लिए जाना जाता रहा है. रूस की ओर से साफ किया गया है कि कई कोर्स खासकर मेडिकल और फार्मेसी से जुड़े कोर्स पूरी तरह इंग्लिश में उपलब्ध होंगे. यानी एडमिशन के लिए रूसी भाषा जानना ज़रूरी नहीं है. हालांकि जो छात्र रूसी भाषा सीखना चाहते हैं, उनके लिए एक साल का प्रिपरेटरी लैंग्वेज कोर्स भी उपलब्ध रहेगा.

मेडिकल तक सीमित नहीं है यह स्कॉलरशिप

यह स्कॉलरशिप सिर्फ मेडिकल तक सीमित नहीं है. इसके अलावा मेडिसिन, फार्मेसी, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, एग्रीकल्चर, इकोनॉमिक्स, मैनेजमेंट, ह्यूमैनिटीज़, सोशल साइंस, मैथमेटिक्स, एविएशन, स्पेस स्टडीज़, स्पोर्ट्स और आर्ट्स में भी स्कॉलरशिप मिलेगी. यह स्कॉलरशिप बैचलर्स, मास्टर्स, एमफिल और एडवांस्ड ट्रेनिंग सभी स्तरों को कवर करती है.

एकेडमिक रिकॉर्ड और पोर्टफोलियो के आधार पर किया जाएगा चयन

इस स्कॉलरशिप के लिए कोई एंट्रेंस एग्जाम नहीं होगा. छात्रों का चयन उनके पिछले एकेडमिक रिकॉर्ड और पोर्टफोलियो के आधार पर किया जाएगा. पोर्टफोलियो में रिसर्च पेपर, रिकमेंडेशन लेटर, ओलंपियाड या नेशनल-इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं के सर्टिफिकेट शामिल किए जा सकते हैं. आवेदकों को छह यूनिवर्सिटीज़ तक चुनने की अनुमति दी गई है. हालांकि अंतिम निर्णय यूनिवर्सिटी के मूल्यांकन और उपलब्ध सीटों पर निर्भर करेगा.

15 जनवरी तक चलेगा पहला चरण

मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, कज़ान, व्लादिवोस्तोक और कैलिनिनग्राद जैसे शहरों की यूनिवर्सिटीज़ इस प्रोग्राम में शामिल हैं. पहला चरण 15 जनवरी तक चलेगा, जिसमें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और शॉर्टलिस्टिंग होगी. दूसरे चरण में रूसी विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्रालय, यूनिवर्सिटीज़ के साथ मिलकर छात्रों को अलॉट करेगा और वीज़ा से जुड़े डॉक्यूमेंट जारी करेगा.

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