Vladimir Putin : वर्तमान समय में रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के तटों पर दो न्यूक्लियर सबमरीन्स की तैनाती करवा दी थी. ट्रंप के इस फैसले पर व्लादिमीर पुतिन ने फैसला लिया है कि रूस अब इंटरमीडिएट-रेंज की मिसाइल की तैनाती पर लगी रोक को हटा रहा है.
अमेरिका ने रूस पर लगाया आरोप
ऐसे में रूस के विदेश मंत्रालय ने घोषणा करते हुए कहा कि वे मिसाइलों की तैनाती पर लगे प्रतिबंध वाली संधि को तोड़ रहे हैं और इसका पालन नहीं कर रहें. प्राप्त जानकारी के अनुसार बता दें कि पिछले एक दशक में अमेरिका कई बार रूस पर इस संधि को तोड़ने का आरोप लगा चुका है. इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी इंटरमीडिएट-रेंज की मिसाइलों के इस्तेमाल की बात सामने आयी थी.
रूसी मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया
ऐसे में विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ”रूस अब खुद पर इंटरमीडिएट और शॉर्ट-रेंज मिसाइलों को लेकर लगाई गई उन पाबंदियों में बंधा हुआ महसूस नहीं करता है.” सबसे महत्वपूर्ण बात इस मामले को लेकर रूस ने पहले भी संकेत दिए थे. दिसंबर 2024 में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि रूस 2025 की दूसरी छमाही में मिसाइलों की तैनाती बेलारूस में कर सकता है.
इस संधि से अमेरिका हुआ बाहर
जानकारी के मुताबिक, 1987 में अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (INF) ट्रीटी को लेकर साइन हुई थी. ऐसे में 500 से 5500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलों की तैनाती पर रोक लगा दी गई थी. बता दें कि अमेरिका 2019 में इस संधि से बाहर हो गया. अब अमेरिका ने सबमरीन्स को रूस के करीब भेज दिया है. जानकारी देते हुए बता दें कि रूस ने भी संधि को तोड़ने की घोषणा कर दी.
सबमरीन्स को उचित जगहों पर भेजने का आदेश
सोशल मीडिया हैंडल ट्रुथ पर पोस्ट शेयर करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि सबमरीन्स को उचित जगहों पर भेजने का आदेश दे दिया गया है. बता दें कि ट्रंप ने यह कदम रूसी सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बयान के बाद उठाया है. इस दौरान दावा किया जा रहा है कि मेदवेदेव ने भड़काऊ भाषण दिया था.
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