Rann Samvad 2025 : भारत देश के दुश्मनों को कड़ा संदेश देते हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने हुंकार भरी है कि भले ही भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम ‘शांतिवादी’ नहीं हैं. इस दौरान दुश्मन किसी गलतफहमी में न रहे. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यही वजह है कि देश की सेनाएं युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहती हैं, क्योंकि शक्ति से ही शांति आ सकती है.
आर्मी वॉर कॉलेज में संबोधित करते हुए कहा
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीडीएस जनरल चौहान ने महू (इंदौर) स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित रण-संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि शक्ति के बिना शांति एक ‘यूटोपियन’ धारणा है. इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों को दोहराते हुए कहा कि “क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन विषरहित, विनीत, सरल हो.” इन पंक्तियों के द्वारा वो कहना चाहते हैं कि अगर आप शांति चाहते हैं तो युद्ध के लिए तैयार रहें.
फ्यूचर वॉरफेयर के बारे में CDS ने दी जानकारी
संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि रण संवाद का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करना नहीं है. क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर से हमें जो सीखना था उसे क्रियान्वित किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने रण संवाद में ऑपरेशन सिंदूर के आगे क्या है उस चर्चा करते हुए बताया कि ‘फ्यूचर वॉरफेयर’ कैसा होगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि निकट भविष्य की जंग बेहद खतरनाक होगी और इसमे एक-साथ मिलकर ही जीत हासिल कर सकते हैं. हमें हर हालात में सशक्त और आत्मनिर्भर बनना है.
सुदर्शन चक्र मिशन को लेकर कहा
इसके साथ ही इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी के सुदर्शन चक्र मिशन को लेकर किए गए ऐलान पर सीडीएस ने कहा कि वर्तमान समय में इस पर काम शुरू हो चुका है और डीआरडीओ द्वारा इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (आईएडीडब्लूएस) का सफल परीक्षण करना भी इसी कड़ी का हिस्सा है.
भारत विकसित बनने की दिशा में अग्रसर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह मिशन वर्ष 2035 में पूरा होगा, तब यह भारत की आयरन डोम की तरह देश की सुरक्षा करेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है और भारत की सेनाएं भी दुनियाभर की एडवांस मिलिट्री की श्रेणी में शामिल होने के लिए प्रयासरत हैं.
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