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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीव का स्वभाव ठीक नहीं है। इसलिए वह प्रकृति का गुलाम होकर घूमता है। जहाँ गुलामी है, वहीं परेशानी है। प्रकृति का गुलाम बना हुआ जीव, खुद तो दुःख से मारा-मारा फिरता ही है, साथ-ही-साथ दूसरों को भी दुःखी करता है।
जबकि शिव प्रकृति के स्वामी हैं। वे प्रकृति को बस में रख सकते हैं, इसीलिए सुख और शान्ति सदैव उनके चरणों में है। इसलिए सबसे पहला जरूरी काम तो जीव के स्वभाव को सुधारने का है। यह स्वभाव किसी भौतिक प्रयास से सुधारने वाला नहीं है। स्वभाव तो कथा में सन्तों की प्रेरणादायी वाणी का पान करने से सुधरता है और जिसका स्वभाव सुधरता है, उसका संसार भी सुधरता है।
भक्ति से ही मृत्यु सुधरती है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।