क्षण एवं कण को संचित करके रखने वाला ही कहलाता है संत: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, चाहे प्रभु हमें अपार सम्पत्ति प्रदान करें, फिर भी हम उन्हें सुख के दिनों में न भूलें और यदि परमात्मा हमें खूब विपत्ति दें तो भी हम हिम्मत न हारें और साधना को न छोड़ें।
साधारण मनुष्य बहुत सुख मिलने पर स्वयं की पूर्व-स्थिति को भूल जाता है। इसी से वह अत्यन्त दुःखी होता है। सुख में प्रभु के उपकारों का स्मरण रखो, दुःख कभी भी प्राप्त नहीं होगा।दुःख में प्रभु के सानिध्य का अनुभव करके धैर्य रखोगे तो आखिर में दुःख को भी जाना पड़ेगा।
अभिमान को मारने वाला, हृदय को कोमल बनाने वाला, प्रभु का स्मरण करने वाला तथा उनके निकट ले जाने वाला दुःख ही सच्ची सम्पत्ति है।परमात्मा से दूर करने वाला सुख,सुख नहीं विपत्ति है।
क्षण एवं कण को संचित करके रखने वाला और उसका सदुपयोग करने वाला ही संत कहलाता है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।
Latest News

Gold Silver Price Today: सोने-चांदी की कीमत छू रही आसमान, जानिए ताजा रेट

Gold Silver Price Today: शादी का सीजन चल रहा है. अगर आप सोने चांदी की खरीदारी करने की सोच...

More Articles Like This