जिज्ञासा युक्त प्रश्न से आत्मिक यात्रा का होता है आरम्भ: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जितना बन सके शरीर से संसार की सेवा करो, मन से भगवान का स्मरण करो। स्मरण और सेवा ये दोनों न छूटे। सेवा स्नेह पूर्वक होती है। क्रिया में स्नेह मिल जाता है,
तो वह सेवा है। यह विश्व भगवान् का ही रूप है। हर कण और हर क्षण को याद रखें तो मनुष्य से सद्भावना और सेवा सहज हो जाती है। भागवत उस प्रेमपूर्ण धर्म में जागने की बात करता है। समुद्र में डूबना मरना है और भागवत समुद्र में डूबना तरना है।
इसमें गोता लगाओ यही सच्चा जीवन है।जिज्ञासा युक्त प्रश्न से आत्मिक यात्रा का आरम्भ होता है। प्रश्न पूछने वाला अज्ञान को स्वीकार करता है। जानने के लिए यह जरूरी है कि हम कुछ भी नहीं जानते। भरे हुए पात्र में नहीं भरा जाता। प्रश्न वही हो जिससे लोकमंगल हो।
अहंकारी अज्ञान को स्वीकार नहीं करता, विनम्र ही अज्ञान को स्वीकार करता है। गुरु से पर्दा किया तो विवेक नहीं होगा। हम अपने प्रश्न गुरुदेव से पूछें। वैद्य से रोग छुपाया तो लाभ क्या? संदेह हुआ तो गुरु के सामने प्रकट करना चाहिए, उसमें लज्जा और भय कैसा?
प्रश्नों से ही गीता, भागवत और रामायण का जन्म हुआ। प्रश्न पूछने वाला अपने पर, वक्ता पर और संसार पर उपकार करता है, क्योंकि संसार को भी लाभ होता है। अहंकारी भीरू होता है, वीर नहीं। निरहंकारी ही निर्भय होता है, प्रेमी है। सिन्धु के रत्न उसे ही मिलते हैं जो सिन्धु में साहस करके गोता लगाते हैं।
भीरू व्यक्ति किनारे बैठा रहते हैं। जिसमें साहस है, वही सत्संगी है। भक्ति करना कोई कायरों का काम नहीं है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
Latest News

05 August 2025 Ka Panchang: मंगलवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

05 August 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त देखा...

More Articles Like This

Exit mobile version