EEPC India ने की भारत-अमेरिका व्यापार बातचीत में स्टील प्रोडक्ट्स को शामिल करने की मांग

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (EEPC India) ने सोमवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि अमेरिका के साथ जारी द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं में विभिन्न प्रकार के स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों, विशेष रूप से एमएसएमई द्वारा निर्मित प्रोडक्ट्स को शामिल किया जाए. एक ऑफिशियल बयान के अनुसार, इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन बॉडी ने सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि यूरोपियन यूनियन (ईयू) के साथ चल रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट बातचीत में कोटा और आउट ऑफ कोटा टैरिफ लेवल को बनाया रखा जाए.

अमेरिका ने सेक्शन 232 के तहत 50% का लगाया टैरिफ

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स बॉडी का कहना है कि अमेरिका ने सेक्शन 232 के तहत 50% का टैरिफ लगाया है, जिसका सीधा प्रभाव इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स पर पड़ रहा है. जिसकी वजह से यह जरूरी हो जाता है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते से जुड़ी बातचीत में इन स्पेसिफाइड प्रोडक्ट्स को शामिल किया जाए. ईईपीसी इंडिया को चेयरमैन पंकज चड्डा ने कहा, अमेरिका की ओर से 50% टैरिफ लगाए जाने से दूसरे प्रतिस्पर्धियों से टैरिफ अंतर औसतन 30% अधिक हो जाता है. जिसकी वजह से अमेरिकी बाजारों में हमारी स्थिति प्रभावित हो रही है. वहीं, एक स्पेशल सपोर्ट पैकेज के साथ टैरिफ को लेकर यह अंतर 15% तक घट जाएगा, जिससे हम अपनी स्थिति को मजबूत बना सकेंगे.

EEPC India ने यूरोपीय संघ के प्रस्ताव पर जताई चिंता

इसके साथ ही, EEPC India ने यूरोपीय संघ (EU) के प्रस्ताव पर चिंता जताई है, जिसमें स्टील उत्पादों के कोटा को घटाने और आउट-ऑफ-कोटा टैरिफ को 50% तक बढ़ाने की बात कही गई है. संस्था का कहना है कि निर्यात की मात्रा और एफटीए चर्चाओं से कुछ उत्पादों के बाहर रहने की स्थिति में यह कदम उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. ईयू के साथ व्यापार पर EEPC के प्रतिनिधि पंकज चड्डा ने कहा कि इस मुद्दे को एफटीए वार्ता के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि एक बार समझौता लागू हो जाने के बाद टैरिफ धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगे. EEPC ने यह भी आग्रह किया कि ईयू के टैरिफ रेट कोटा से स्टेनलेस स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स को बाहर रखा जाए, क्योंकि ये उत्पाद एमएसएमई सेक्टर और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

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