Reporter
The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
PM Krishi Sampada Yojana: केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र और रेलवे नेटवर्क को मज़बूती देने के उद्देश्य से किसानों और सहकारी संस्थाओं के हित में छह बड़े फैसलों को मंजूरी दी है. इनमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिए कुल ₹6,520 करोड़ के बजटीय प्रावधान को स्वीकृति दी गई है, जिसमें ₹1,920 करोड़ की अतिरिक्त राशि शामिल है. यह निर्णय 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए लिया गया है.
इसके अतिरिक्त, सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को ₹2,000 करोड़ की वित्तीय सहायता देने की मंजूरी दी है। यह सहायता संस्था को कर्ज वितरण के लिए अधिक पूंजी जुटाने में सक्षम बनाएगी, जिससे देशभर की सहकारी समितियों को सीधा लाभ मिलेगा. PMKSY के तहत आवंटित ₹1,000 करोड़ दो प्रमुख उपयोजनाओं में खर्च किए जाएंगे. इसके अंतर्गत, विभिन्न फसलों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिनकी कुल क्षमता 20 से 30 लाख मीट्रिक टन होगी.
वहीं, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुधार के लिए 100 NABL-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी. इससे न केवल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूती मिलेगी, बल्कि देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए रोजगार अवसरों का भी सृजन होगा. कृषि उपज के संरक्षण, मूल्य संवर्धन एवं वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात को प्रोत्साहित किया जाएगा. निजी क्षेत्र की भागीदारी से रोजगार और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा.
NCDC को मिले दो हजार करोड़ रुपये
सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल करते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को 2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों के लिए दो हजार करोड़ रुपये की अनुदान सहायता योजना को मंजूरी दी है.
500 करोड़ रुपये की दी जाएगी सहायता
इसके तहत निगम को प्रत्येक वर्ष पांच सौ करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी, जिसके आधार पर वह बाजार से 20 हजार करोड़ रुपये जुटा सकेगा. इस पैसे का इस्तेमाल सहकारी समितियों को नई परियोजनाएं शुरू करने, संयंत्रों के विस्तार, तकनीकी उन्नयन एवं कार्यशील पूंजी के लिए कर्ज देने में किया जाएगा. सरकार की इस योजना से देशभर की 13,288 सहकारी समितियां लाभान्वित होंगी, जिनमें करीब दो करोड़ 90 लाख सदस्य शामिल हैं. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया कि यह योजना सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाएगी, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाएगी और महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी.
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
साथ ही, किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. महिलाओं एवं श्रमिकों के नेतृत्व वाली समितियों को भी इस योजना से मदद मिलेगी. परियोजना की निगरानी, ऋण वितरण एवं वसूली की जिम्मेवारी एनसीडीसी की होगी.
देश में 8.25 लाख सहकारी समितियां
जरूरत के अनुसार वह राज्य सरकारों के जरिए या सीधे सहकारी समितियों को ऋण देगा. देश में 8.25 लाख सहकारी समितियां हैं, जिनके 29 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं. इनमें 94% किसान हैं. यह योजना उनके लिए आर्थिक विकास का बड़ा साधन बन सकती है.