Repo Rate में 1.25-1.50% तक की हो सकती है कटौती: SBI Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
लगातार कम होती महंगाई के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरों को आक्रामक रूप से कम कर सकता है. साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को मार्च 2026 तक न्यूट्रल से हटाकर और नरम किया जा सकता है. यह जानकारी सोमवार को जारी हुई SBI रिसर्च की रिपोर्ट में दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बेस्ट केस सिनेरियो में अगर महंगाई दर 3% के नीचे लगातार तीन महीने तक रहती है, तो रेपो रेट में संचयी तौर पर 1.25% से लेकर 1.50% की कटौती FY26 तक देखने को मिल सकती है.

मार्च में कई वर्षों के न्यूनतम स्तर पर थी महंगाई

एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया, मार्च में महंगाई कई वर्षों के न्यूनतम स्तर पर थी और आगे भी महंगाई के कम रहने की उम्मीद है. हम जून और अगस्त (पहली छमाही) में रेपो रेट में 0.75% और दूसरी छमाही में 0.50% की कमी की उम्मीद कर रहे हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया, मार्च 2026 तक रेपो रेट 5 से 5.25% तक आ सकता है. रिपोर्ट में बताया गया कि 0.25% की छोटी कटौती की अपेक्षा 0.50% की बड़ी कटौती अधिक प्रभावशाली होगी.

ब्याज दरों को 0.50% घटा चुका है आरबीआई

केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2025 में रेपो रेट में कटौती करना शुरू किया था, तब से आरबीआई ब्याज दरों को 0.50% घटा चुका है. रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में बैंक जमा दरों में मौजूदा स्तरों से 1% तक की कटौती हो सकती है. घरेलू महंगाई दर वर्तमान में आरबीआई के टारगेट 2-6% के दायरे में है, जबकि उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर औसत महंगाई दर 4.7% है.
एसबीआई रिसर्च ने आगे कहा कि उसे उम्मीद है कि 2025 तक डॉलर के खिलाफ रुपया 85-87 के दायरे में स्थिर रह सकता है. रिपोर्ट में बताया गया कि डॉलर पर टैरिफ का घरेलू प्रभाव 2025 में दिखाई देगा, जिससे रुपये को सपोर्ट मिलेगा. इसके अलावा, डीएक्सवाई में गिरावट आने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिकी घरेलू अर्थव्यवस्था टैरिफ प्रभाव को समायोजित करेगी.
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