Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पिपराइच के महुआचाफी कांड में एक नया मोड आ गया है. महुआचाफी गांव में नीट की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता की हत्या में शामिल बिहार के पशु तस्कर अजहर हुसैन (32) की मौत हो गई है. BRD मेडिकल कालेज में भर्ती अजहर ने पूछताछ में अपने साथियों का नाम भी बताया था. जिसके आधार पर पुलिस पूरे नेटवर्क की तहकीकात कर रही थी.
अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को दी इसकी सूचना
हालांकि, अचानक उसकी हालत बिगड़ गई और सुबह 10.37 बजे उसकी मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पशु तस्करों में शामिल अजहर हुसैन बिहार में गोपालगंज जिले के रामपुर खुर्द, थाना गोपालपुर का रहने वाला था. अजहर को ग्रामीणों ने सोमवार की रात पकड़ा था. महुआचाफी गांव में पशु तस्करों की घेराबंदी के दौरान उसकी पिकअप फंस गई थी. ग्रामीणों ने उसे पकड़कर जमकर पिटाई करने के बाद पुलिस को सौंप दिया. गंभीर हालत में उसे BRD मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था.
पुलिस की कड़ी सुरक्षा में चल रहा था इलाज
17 सितंबर की रात 12 बजकर 5 मिनट पर अजहर को अस्पताल में भर्ती किया गया था. उसके सिर और कंधे में गंभीर चोटें आई थीं. पुलिस की कड़ी सुरक्षा में उसका इलाज चल रहा था और मजिस्ट्रेट ने बुधवार को उसका बयान भी दर्ज किया था. इस घटना में कुल आठ तस्करों की पहचान हुई थी. इनमें से रहीम को कुशीनगर में मुठभेड़ के दौरान पकड़ा गया था, जबकि छोटू, राजू और रामलाल पुलिस की गिरफ्त में हैं.
फरार मन्नू सेठ और जुबैर की तलाश में लगातार दबिश
अजहर अब मौत के बाद आरोपियों की सूची से बाहर हो गया है. फरार चल रहे मन्नू सेठ और जुबैर की तलाश में STF और पुलिस की कई टीमें बिहार व पश्चिमी यूपी में लगातार दबिश दे रही हैं. SP उत्तरी जितेंद्र कुमार ने बताया कि अजहर हुसैन महुआचाफी कांड का अहम खिलाड़ी था. उसके मरने से कई राज दफन हो गए, लेकिन उसके दिए बयान से नेटवर्क की जानकारी मिली है. फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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