भारत-चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ बढ़ाएगा अमेरिका, जानिए ट्रंप-पुतिन के बैठक का क्या निकला नतीजा?

Donald Trump on Tariff : रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अगले दो से तीन सप्ताह में उन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने पर विचार करना पड़ सकता है, जो रूस से तेल खरीद रहे हैं. फिलहाल उन्‍होंने ऐसा करने की आवश्यकता से इनकार किया.

इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि आज जो कुछ हुआ, उसके बाद मुझे नहीं लगता कि मुझे अब टैरिफ के बारे में सोचने की आवश्‍यकता है. अलास्‍का में पुतिन के साथ मीटिंग के बाद उन्‍होंने अपने बयान में कहा कि शायद दो या तीन हफ़्ते बाद मुझे टैरिफ के बारे में सोचना पड़े.

मास्को से व्यापार करने वाले देशों पर द्वितीयक प्रतिबंध

प्राप्त जानकारी के अनुसार सीधे तौर पर ट्रंप की यह टिप्पणी भारत और रूस के बीच तेल व्यापार और चीन पर संभावित शुल्कों से जुड़ी है. इसके साथ ही पिछले महीने ही ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा था कि मास्को से व्यापार करने वाले देशों पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए जाएंगे. ऐसे में उन्होंने रूस पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी के साथ यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए 50 दिन का समय दिया था. बता दें कि टैरिफ को लेकर ट्रंप के इस कदमों का असर भारत पहले से ही झेल रहा है.

अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन के बैठक में उलझी हुई चीजों का समाधान नहीं हुआ तो भारत पर द्वितीयक शुल्क और बढ़ाए जा सकते हैं. इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं में थोड़ा अड़ियल रुख अपना रहा है.

अमेरिका को लेकर भारत का रूख

जानकारी के मुताबिक, पहले भी कई बार भारत ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के साथ उसके संबंध बहुआयामी और व्यापक हैं और व्यापार सिर्फ इसका एक हिस्सा है. ऐसे में भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि देशों के बीच संबंधों को किसी “तीसरे पक्ष के चश्मे से” नहीं देखा जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें :- Janmashtami का पर्व आज, राष्ट्रपति मुर्मू और PM Modi ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं

More Articles Like This

Exit mobile version