Iraq-Iran relations: ईरान और इराक के बीच सीमा समन्वय को लेकर सोमवार को एक संयुक्त समझौते हुआ. ईरान के सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली लारीजानी और इराकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कासिम अल-अराजी ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इसकी जानकारी इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी के मीडिया कार्यालय द्वारा दी गई. लेकिन एमओयू से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई.
वहीं, दोनों देशों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर से पहले लारीजानी के साथ बैठक में, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने ईरान के साथ संबंध विकसित करने और विभिन्न स्तरों व क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने के लिए इराक की प्रतिबद्धता दोहराई.
ईराक करेगा अमेरिका-ईरान वार्ता का समर्थन
इस दौरान अल-सुदानी ने ईरान के खिलाफ इजरायल के आक्रामकता और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संघर्षों को बढ़ाने वाली किसी भी कार्रवाई को अस्वीकार करने के इराक के सैद्धांतिक और दृढ़ रुख को दोहराया. साथ ही उन्होंने अमेरिका-ईरान वार्ता का भी समर्थन करने की बात कही.
वहीं, लारीजानी ने विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से यात्री परिवहन के लिए रेलवे कनेक्शन और क्षेत्र में उभर रहे विकास मार्ग और प्रमुख गलियारों से इराक को जोड़ने में, इराक के साथ संबंधों को मजबूत करने में ईरान की प्रतिबद्धता दर्शायी.
लारिजानी की पहली विदेश यात्रा
बता दें कि हाल ही में ईरान के शीर्ष सुरक्षा निकाय का पदभार संभालने के बाद से यह लारिजानी की पहली विदेश यात्रा है. इसके बाद उनके लेबनान जाने की भी खबर है. दरअसल ईरान और ईराक दोनों देश एक दूसरे के पड़ोसी है, जिनके बीच सीमा विवाद और क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर लंबा संघर्ष चला था. साल 1980 से लेकर 1988 के बीच सशस्त्र संघर्ष चला. वहीं, 8 साल के लंबे संघर्ष के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 598 को दोनों देशों के स्वीकार करने के बाद यह युद्ध समाप्त हो गया था.
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