Pakistan: भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाया पाकिस्तान अब चीनी हाइपरसोनिक मिसाइलें और ड्रोन खरीदने की तैयारी में हैं. पाकिस्तान का ये कदम भारत के लिए एक नई समस्या खड़ी कर सकता है, क्योंकि वह इन हथियारों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हमलों में कर सकता है. चीन ने हाल के सालों में हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन की तकनीक में जबरदस्त प्रगति की है. उसका दावा है कि ये मिसाइलें ध्वनि की गति से भी 5 गुना तेज चलती हैं.
इतना ही नहीं, चीन अब इन हाइपरसोनिक ड्रोनों को एक स्मार्ट स्वार्म में जोड़ने का प्लान बना रहा है. यह स्मार्ट स्वार्म UCAV (Unmanned Combat Aerial Vehicle) नेटवर्क के माध्यम से काम करता है, जो इसे और भी घातक बनाता है.
आखिर क्यों हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें इतनी खतरनाक?
हाइपरसोनिक मिसाइलें अपनी तेज रफ्तार और एडवांस तकनीक के वजह से बेहद खतरनाक हैं. ये मिसाइलें बैलिस्टिक मिसाइलों के मुकाबले कम ऊंचाई पर उड़ती हैं, जिससे इन्हें रडार या किसी अन्य डिवाइस से पकड़ना मुश्किल होता है. इसके अलावा, स्मार्ट स्वार्म तकनीक से ये मिसाइलें और ड्रोन एक साथ काम करते हैं. जिससे इनका प्रभाव और भी घातक हो जाता है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह परमाणु हथियार को दागने में भी सक्षम है.
भारत के लिए क्यों खतरा बनी ये चीनी मिसाइलें
इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान, भारत के खिलाफ अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए हमेशा चीन की मदद लेता है. पहले भी पाकिस्तान ने चीनी हथियारों के साथ भारत के खिलाफ कई नाकाम कोशिशें की हैं. अब पाकिस्तान द्वारा हाइपरसोनिक मिसाइलें और ड्रोन खरीदने का यह प्लान भारत के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान इन हथियारों का इस्तेमाल सीमा पर तनाव बढ़ाने और आतंकी हमलों के लिए कर सकता है.
भारत ने भी तेज की काउंटर की तैयारियां
भारत पहले ही अपनी मिसाइल डिफेंस तकनीक को मजबूत करने में लगा है. DRDO और अन्य रक्षा संस्थान हाइपरसोनिक तकनीक पर शोध कर रहे हैं. भारत की स्वदेशी मिसाइलें, जैसे अग्नि और ब्रह्मोस, पहले ही अपनी ताकत दिखा चुकी हैं. लेकिन चीन और पाक की इस नई हाइपरसोनिक मिसाइल ने भारत के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं.
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