ऋषिकेश में तैयार हुआ कांच का पुल, लेगा 100 साल पुराने लक्ष्मण झूले की जगह

Rishikesh New Bridge : हमारे मन में लक्ष्मण झूला का नाम सुनते ही ऋषिकेश की पवित्र छवि उभर आती है. गंगा तट पर बसा योग, तप और आस्था का यह शहर, एक नई पहचान की ओर कदम बढ़ा रहा है. जानकारी देते हुए बता दें कि जल्‍द ही यहाँ बनने जा रहा है आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत संगम ‘बजरंग सेतु’. ऐसे में कांच से बना यह भव्य पुल इंजीनियरिंग के शानदार उदाहरण के साथ यह शहर की धार्मिक और पर्यटन छवि को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा. जो कि लगभग तैयार हो चुका. इसके साथ ही यह सेतु 9 नवंबर, उत्तराखंड दिवस के शुभ अवसर पर जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

बजरंग सेतु पुल की मुख्य विशेषताएं:

  • कांच का पुल:बता दें कि यह कांच का पुल गंगा नदी पर बना है और साथ ही 100 साल पुराने ‘लक्ष्मण झूला’ की जगह लेगा. जानकारी के मुताबिक, यह उत्तराखंड का पहला कांच का पुल है. ऐसे में यह पुल पैदल यात्रियों के लिए कांच के रास्ते और दोपहिया वाहनों के लिए अलग मार्ग प्रदान करता है.
  • इस पुल के निर्माण की लागत: इसके साथ ही अगर इसके लागत निर्माण की बात करें तो लगभग 68 करोड़ की है. बताया जा रहा है कि यह 132 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा होगा जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुरक्षित, आकर्षक और सुविधानजन मार्ग प्रदान करेंगे.
  • केदारनाथ मंदिर की वास्तुकला: प्राप्त जानकारी के अनुसार पुल के दोनों छोरों पर विशाल आकृति और दिव्य प्रतिमाएं बनाई जाएंगी. बता दें कि एक स्तंभ पर केदारनाथ और दूसरे पर बद्रीनाथ की आकृति बनाई गई है. इतना ही नही बल्कि यह पुल केदारनाथ मंदिर की वास्तुकला से प्रेरित है, जो ऋषिकेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को और मज़बूत करेगा.
  • मार्केट को मिलेगा लाभ:बता दें कि बजरंग सेतु से ऋषिकेश के स्थानीय बाज़ारों को गति मिलेगी और बाज़ार की ओर ज़्यादा लोगों को लाएगा. इसके साथ ही बाजार में अधिक लोगों के आने से स्थानीय बाज़ारों को आर्थिक रूप से लाभ होगा.

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