यूक्रेन के समर्थन में पोस्ट करने वाले रूसी अरबपति ने गंवाए अरबों रुपए, पुतिन को ही दे दी थी चेतावनी!

New Delhi: रूस के मशहूर बैंकिग कारोबारी ओलेग टिंकोव को यूक्रेन युद्ध के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट करना भारी पड़ गया. ओलेग टिंकोव ने दावा किया है कि उन्हें इस युद्ध के खिलाफ एक इंस्टाग्राम पोस्ट करने पर अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है. टिंकोव के इस बयान ने पूरे इंटरनेट को हिलाकर रख दिया है. टिंकोव ने कहा कि उनके इस पोस्ट के बाद उन पर बहुत दबाव बनाया गया कि वे (Tinkoff Bank) में अपनी हिस्सेदारी को उसके असली कीमत से कहीं कम दाम पर बेच दें.

फायदे लेने वाला एक व्यक्ति नजर नहीं आता

टिंकोव ने इस पूरे अनुभव को बंधक जैसी स्थिति बताया. उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौर में जो भी बड़ा और ताकतवर व्यक्ति सरकार के खिलाफ बोलता है, उसकी आवाज को दबा दिया जाता है. तिंकोव ने अपने इंस्टा पोस्ट में लिखा कि मुझे इस पालगपन भरे युद्ध के फायदे लेने वाला एक व्यक्ति नजर नहीं आता. निर्दोष लोग और सैनिक मर रहे हैं. युद्ध का नेतृत्व करने वाले जनरलों को जब होश आया तो उन्हें एहसास हुआ कि उनकी सेना बेकार है.

बैंक के सीनियर अधिकारियों से क्रेमलिन ने किया संपर्क

क्रेमलीन के अधिकारी इस बात से परेशान हैं कि अब उनके बच्चे और वो सभी ही मेडिटेरेनियन नहीं जा पाएंगे. टिंकोव के इस पोस्ट के ठीक एक दिन बाद उनके बैंक के सीनियर अधिकारियों से क्रेमलिन के अधिकारियों ने संपर्क किया और उन्हें एक साफ अल्टीमेटम दिया कि या तो टिंकोव के शेयर्स बेच दिए जाएंगे और ब्रांड से उनका नाम हटा दिया जाएगा या फिर सरकार बैंक का राष्ट्रीयकरण कर देगी जो उस समय रूस के सबसे बड़े लोन देने वालों में से एक था.

9 अरब डॉलर का हुआ नुकसान

इस घटना के करीब एक हफ्ते के बाद रूस की एक बड़ी कंपनी ने उनकी हिस्सेदारी उसके असली दाम के सिर्फ 3% पर खरीद ली जिससे उन्हें 9 अरब डॉलर (80000 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ. अपने शेयर्स बेचने के बाद टिंकोव रूस छोड़कर चले गए और अपनी नागरिकता भी त्याग दी. ओलेग टिंकोव एक रूसी उद्यमी और पूर्व बैंकिग दिग्गज हैं जो रूस के सबसे बड़े ऑनलाइन बैंकों में से एक टिंकॉफ बैंक की स्थापना के लिए जाने जाते हैं.

यूक्रेन पर किए गए हमले की खुल कर निंदा

उन्होंने सार्वजनिक रूप से रूस का यूक्रेन पर किए गए हमले की खुल कर निंदा की. जिसके बाद उन्होंने दावा किया कि उन पर टिंकॉफ बैंक में अपने शेयर्स बेचने के लिए दबाव बनाया गया था. बाद में इन देशों के बीच हो रहे युद्ध का विरोध करते हुए उन्होंने अपनी नागरिकता त्याग दी थी. उस समय उन्होंने कहा कि मैने रूसी नागरिकता छोड़ने का फैसला कर लिया है.

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