Kharkiv: रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव के अस्पतालों को निशाना बनाते हुए खतरनाक ग्लाइड बम और ड्रोन से हमला किया. हमले में 7 लोग घायल हुए हैं. इसकी वजह से 50 मरीजों को अस्पताल से निकालना पड़ा. रूस के ग्लाइड बम बेहद सस्ते हैं और 3 से 5 हजार किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम हैं. इन्हें मिलिट्री प्लेन से अटैच किया जा सकता है. लॉन्च होने के बाद ये 70 किमी की दूरी तय कर सकती हैं.
लंबी दूरी तक मार करने वाली टॉमहॉक मिसाइलों की मांग करेंगे जेलेंस्की
रूस ने यह हमला ऐसे समय किया है, जब यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ट्रंप ने मुलाकात करने वाले हैं. दोनों नेता वॉशिंगटन में 17 अक्टूबर को मिलेंगे. इस दौरान जेलेंस्की उनसे लंबी दूरी तक मार करने वाली टॉमहॉक मिसाइलों की मांग करेंगे. इन मिसाइलों की रेंज 2500 किमी है. ट्रंप भी कह चुके हैं कि वह यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देने की बात सोच रहे हैं. अगर यूक्रेन को यह मिसाइलें मिलीं तो वह मॉस्को तक हमले कर सकता है.
रूस हमारे पावर प्लांट और नेचुरल गैस फैसिलिटीज पर कर रहा हमले
जेलेंस्की ने कहा कि रूस का निशाना यूक्रेन की एनर्जी फैसिलिटीज थी, हालांकि उन्होंने इससे जुड़ी जानकारी मुहैया नहीं कराई. जेलेंस्की ने कहा कि हर दिन और हर रात रूस हमारे पावर प्लांट और नेचुरल गैस फैसिलिटीज पर हमले कर रहा है. रूस ने कई बार यूक्रेन की बिजली सप्लाई को नुकसान पहुंचाने के लिए उसके पावर ग्रिड पर लंबी दूरी से मिसाइल हमले किए हैं. इससे सर्दियों में यूक्रेन के आम लोग गर्मी और साफ पानी जैसी जरूरी चीजों से वंचित हो गए हैं.
रूसी हमलों से बचने के लिए दुनिया से मांगी है मदद
जेलेंस्की ने रूसी हमलों से बचने के लिए दुनिया से मदद मांगी है. उन्होंने अमेरिका, यूरोप, G7 देशों और बाकी साथियों से ज्यादा एयर डिफेंस सिस्टम देने की अपील की है. हाल के महीनों में यूक्रेन को मिलने वाली विदेशी सैन्य मदद में कमी आई है. जर्मनी के कील इंस्टीट्यूट के अनुसार जुलाई और अगस्त 2025 में मिलने वाली सैन्य मदद पहली छमाही की तुलना में 43% कम हो गई.
इसे भी पढ़ें. Bihar Election 2025: प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान, बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने से किया इंकार