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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवन में श्रेष्ठ परिवर्तन लाने के लिए कथा सुनी जाती है। कथा सुनने के बाद यदि जीवन में नई चेतना जाग्रत नहीं होती है और नया जीवन प्रारम्भ नहीं होता, तो हमने ठीक से कथा नहीं श्रवण किया है।
भगवान की कथा सुनने के बाद इतना निश्चय करो – आज से मैं नया पाप नहीं करूंगा। आज से मैं प्रभु का बनूँगा. आज से मेरा नया जन्म हुआ।जीवन में यह संकल्प पैदा हों, तभी कथा सुनना सार्थक होता है। ईश्वर तो केवल वाणी का ही विषय नहीं है।
वह तो जीवन में अनुभव करने और साक्षात्कार प्राप्त करने का विषय है।सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।