आतंकवाद की बात में हकीकत से दूर… पहलगाम हमले की रिपोर्टिंग पर अमेरिकी विदेश मामलों की समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिखाया आइना

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pahalgam Terrorist Attack: भारत के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की पूरी दुनिया में निंदा की गई. वहीं, इसके संबंध में रही रिपोर्टिंग न करने के कारण अमेरिका के विदेश मामलों की समिति ने न्‍यूयार्क टाइम्स को लताड़ लागाई है. इसके साथ ही पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने का स्वागत किया है.

अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ब्रायन मास्ट ने कहा है कि, जो कोई भी नागरिकों का कत्लेआम करता है, उन्हें ऐसे ही नहीं जाने दिया जाएगा. उनके साथ न्याय किया जाएगा.

समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स को लगाई लताड़

ब्रायन मास्ट ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए न्यूयॉर्क टाइम्स पर निशाना साधते हुए लिखा कि ‘अरे न्यूयॉर्क टाइम्स, हमने आपके लिए इसे ठीक कर दिया है. उन्‍होंने कहा कि यह साफ तौर पर एक आतंकवादी हमला था. चाहे भारत हो या इजरायल, जब आतंकवाद की बात आती है तो न्यूयॉर्क टाइम्स हकीकत से दूर हो जाता है.’

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक प्रकाशित खबर के शीर्षक में लिखा कि ‘कश्मीर में उग्रवादियों ने कम से कम 24 पर्यटकों को गोली मार दी’. इस पोस्ट में सदन की समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स की उस रिपोर्ट की शीर्षक भी पोस्ट किया, लेकिन ‘उग्रवादी’ शब्द की जगह ‘आतंकवादी’ शब्द लिख दिया गया.

नागरिकों का कत्लेआम करने वालों को…

वहीं, अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) संगठन घोषित किए जाने को लेकर मास्‍ट ने अपने पोस्‍ट में लिखा कि ‘राष्ट्रपति ट्रंप इसे वैसा ही कहते हैं जैसा वह है. द रेजिस्टेंस फ्रंट एक विदेशी आतंकवादी संगठन है और आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने का हकदार है. उन्‍होंने क‍हा कि जब आप नागरिकों का कत्लेआम करते हैं तो आपको न्याय का सामना करना पड़ता है. यह साफतौर पर एक आतंकवादी हमला था.’

टीआरएफ ने पहलगाम आतंकी हमले को दिया था अंजाम

बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए कहा था कि ‘यह आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के न्याय के आह्वान को लागू करने की वाशिंगटन की प्रतिबद्धता का हिस्सा है.’

दरअसल, द रेजिस्टेंस फ्रंट या टीआरएफ, पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है. बता दें कि टीआरएफ ने ही 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. वहीं, अमेरिका के इस फैसले का भारत ने भी स्‍वागत किया था. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग की मज़बूत पुष्टि बताया.

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