वाणी का विषय नहीं है ईश्वर: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवन में सत्कर्म एवं हरि भक्ति की प्रेरणा के लिए कथा श्रवण की जाती है. परिवर्तन लाने के लिए कथा सुनी जाती है. कथा सुनने के बाद यदि जीवन में नई चेतना जाग्रत नहीं होती है और नया जीवन प्रारंभ नहीं होता है, तो कथा सही ढंग से श्रवण किया ऐसा नहीं माना जाएगा. कथा सुनने के बाद इतना निश्चय करो- आज से मैं मनसा, वाचा, कर्मणा किसी प्रकार का भी पाप नहीं करूंगा. आज से मैं प्रभु का बनके रहूंगा. आज से मेरा नया जन्म हुआ है.

जीवन में यह संकल्प पैदा हों, तभी कथा सुनना सार्थक होता है. ईश्वर वाणी का विषय नहीं है. वह तो जीवन में अनुभव करने और भगवद् साक्षात्कार प्राप्त करने का विषय है. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

यह भी पढ़े: Gold Silver Price Today: सोने की कीमत में भारी गिरावट, नहीं बढ़े चांदी के भाव; जानिए रेट

Latest News

‘मैं राजनेता या बाबा नहीं…’, MP पप्पू यादव बोले- मेरा मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा नहीं, मेरा सब्जेक्ट है सिर्फ ह्यूमैनिटी

Naye Bharat Ki Baat Delhi Ke Saath Mega Conclave: राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क द्वारा आयोजित...

More Articles Like This