सत्कर्म का पाथेय जीवन-यात्रा में बनेगा सहायक: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा,  एक अजब-सी बात है। आदमी कमाई करते समय ही बहुत असावधान रहता है। पुण्य के कामों को करते समय वह अभिमान में चूर हो जाता है। उस समय वह प्रशंसा का ढिंढोरा पीटता फिरता है और इससे जितना पुण्य उसने कमाया, उसका दुगुना उलीच देता है।
मानव के स्वभाव में बैठा हुआ अभिमान उसके जीवन रूपी हौज में भरे हुए पुण्य के पानी को तुरन्त समाप्त करने वाला बड़ा छिद्र है। हौज में चाहे जितना पानी भरा हो तो भी वह छिद्र उस हौज को खाली का खाली रखता है। अगर कहीं कुएँ से निकाला गया पानी, चलनी में लेकर घर लाया जा सके तो ही अभिमान पूर्वक किए गए सत्कर्म के पुण्य से प्रभु के घर पहुंचा जा सकता है।
इसलिए आज से ही सावधान हो जाओ। जीवन के हौज का अभिमान- छिद्र तत्काल बंद कर दो। कुए के पानी को चलनी में भरने की कोशिश मत करो। तभी सत्कर्म का पाथेय जीवन-यात्रा में सहायक बनेगा। रजोगुण ही काम और क्रोध का पिता है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।
Latest News

नया श्रम कानून लागू: वेतन, ग्रैच्युटी और ओवरटाइम के नियम बदले, कामगारों की हुई बल्ले-बल्ले

New Labour Codes India: केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को श्रम कानूनों में बड़े बदलाव और सुधार की घोषणा की...

More Articles Like This