Eid-ul-Adha 2023: 29 जून को मनाई जाएगी बकरीद, जानिए इस विषेश दिन क्यों दी जाती है बकरे की कुर्बानी

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Eid-ul-Adha 2023: 19 जून को बकरीद की तारीख भी सामने आ गई. दरअसल माह ए जिलहिज्ज के चांद के दीदार के 10 दिन बाद बकरीद मनाने का प्रवधान है. इस साल माह ए जिलहिज्ज का चांद 19 जून को दिखा था. इस वजह से बकरीद का त्योहार 29 जून को मनाया जाएगा. वहीं सउदी में इस पर्व को 28 जून को मनाने की तैयारी है. इस्लाम में इस दिन का अपना एक विशेष महत्व है. इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. इस कुरबानी के पीछे एक बड़ी मान्यता है. वहीं इसका विशेष महत्व भी है.

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बकरे की कुरबानी के पीछे की कहानी

मान्यता है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम मोहम्मद ने अपने आप को खुदा की इबादत में समर्पित कर दिया था। उनकी इबादत से अल्लाह इतने खुश हुए कि उन्होंने परीक्षा ली. कहा जाता है कि अल्लाह ने इब्राहिम से कहा वो अपनी सबसे कीमती वस्तु की कुर्बानी करें. पैगंबर के लिए उनके बेटे से ज्यादा उनके लिए कुछ भी कीमती नहीं था. इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी के लिए उसका सर ले आए, लेकिन जैसे ही उन्होंने कुर्बानी देनी चाही तो अल्लाह ने बेटे के स्थान पर बकरे की कुर्बानी दिला दी. उस दिन से इस मान्यता की शुरुआत हुई.

त्योहार का है महत्व

इस्लाम में इस बात का जिक्र है कि जिलहिज्ज का महीना साल का अंतिम महीना होता है. इस महीने की पहली तारीख काफी महत्वपूर्ण होती है. इस दिन जब चांद का दीदार हो जाता है उस दिन ही बकरीद की तारीखों का ऐलान करना होता है. जिस दिन चांद दिखता है उसके 10वें दिन ये त्यौहार मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि ईद-उल-अजह के करीब दो महीने बाद इस त्योहार को मनाया जाता है. दिनों की गणना इस्‍लामिक कैलेंडर के अनुसार की जाती है. इस्लाम में इस त्यौहार को बलिदान का प्रतीक माना जाता है. कुर्बानी के बाद सेवई बनाई जाती है.

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